Surabhi SonamSep 20, 20151 minचल, उचक, चंदा पकड़ लेंपक चली उस कल्पना को रंग-यौवन-रूप फिर दें । संकुचित उस सोच के पंखों में फिर से जान भर दें । तर्क के बंधन से उठ कर बचपने का स्वाद चख लें ।...