Surabhi SonamNov 11, 20171 min readकाव्य नहीं बंधतेशब्द तो गट्ठर में कितने बांध रखे हैं, स्याही में घुल कलम से वो अब नहीं बहते। हो तरंगित कागज़ों को वो नहीं रंगते, जाने क्यों मुझसे अब अच्छे...
Surabhi SonamJun 12, 20161 min readबढ़ चलें हैं कदम फिर सेछोड़ कर वो घर पुराना, ढूंढें न कोई ठिकाना, बढ़ चलें हैं कदम फिर से छोड़ अपना आशियाना। ऊंचाई कहाँ हैं जानते, मंज़िल नहीं हैं मानते। डर जो कभी...
Surabhi SonamMay 31, 20161 min readसैंतीस केजी सामानफोटो सौजन्य: मृणाल शाह छितराई यादों से अब मैं सैंतिस केजी छाँटूं कैसे? सात साल के जीवन को एक बक्से में बाँधूँ कैसे? बाँध भी लूँ मैं नर्म...
Surabhi SonamFeb 21, 20161 min readPlastic deformationCourtesy: My birthday gift from a few dear friends Yesterday, while walking, I wrote some words in ink. Some were bitter, harsh Some...
Surabhi SonamOct 10, 20153 min readवोट बनाम नोटचित्र श्रेय: डीएनए इंडिया निर्वाचन का बिगुल बजा, मच रहा था हाहाकार, गली-गली हर घर-घर में, मने उलझन का त्यौहार। “किसे चुनें, किसे सत्ता...
Surabhi SonamMar 31, 20151 min readThat silent guitarSilently, it lays. Strings out of tune. Nothing brings life, Neither sun, nor moon. Skin has lost luster, Lies yellow and pale Crawlers...