top of page

ऊंची नाक वाले अंकल

Updated: Mar 29, 2021


pandit-cartoon-1_thumb1

कल शाम मिले मुझे एक अंकल बहुत ही ऊंची नाक थी उनकी। कपडे थोड़े फटे हुए थे तनी हुई पर शाख थी उनकी॥


जब जहां जब भी वो जाते पहले उनकी नाक पहुँचती। सबसे जग में यही बताते सबसे ऊंची नाक है उनकी॥


कभी जो दिल उनका कुछ चाहे पहले वो अपनी नाक से मापें। नाक की कद से जो ऊंचा हो उसे ही अपने योग्य वो समझे॥


देखते वो पहचान में आये किया ‘नमस्ते’ सर को झुकाए। असमंजस में लगे ज़रा वो ध्यान कहीं और कहीं को जायें॥


टकटकी लगाये देखते थे वो वहाँ झूलते हुए झूलों को। तोड़ रहे थे साथ-साथ वो पूजा के लिए फूलों को॥


मैंने बोला, ‘अंकल जी! कभी तो कर लो दिल की भी। कभी तो सारे बंधन तज दो छोड़ दो नाक की चिंता भी॥’


अंकल बोले, ‘शान यही है आन यही है, मान यही है। नाक नहीं तो समझ लो बच्चे उस मनुष्य के प्राण नहीं हैं॥’


‘प्राण नाक में धरे हुए हैं? बात ये ज़रा उलझी सी है? मुझे तो लगता था, अंकल जी! नाक बस साँसों की नली है।‘


‘बहुत छोटे हो बच्चे तुम समझ ना आयेगी तुम्हे ये बात। जो पालन करे नियम समाज के सबसे ऊंची है उसकी नाक॥’


‘अच्छा अंकल! एक बात बताओ किसने बनाये ये नियम समाज के। क्या कुछ भी गलत नहीं है हम जो निभाएं उस रिवाज़ में?‘


‘तुम बहुत उद्दंड हो बच्चे रिवाजों पर सवाल करते हो! जाओ खेलो बागों में जाकर क्यूँ फ़ालतू बातें करते हो?


रिवाज़ गलत होते हैं कुछ पर उन्हें मानना ज़रूरी है। इज्ज़त उसी की बनी रहती है जो उन्हें करता पूरी है॥’


‘गलत को भी आँख मूँद कर कैसे अब मैं सही मान लूं? कैसे खोखले नियम मान कर नाक ऊंची रखने पे ध्यान दूं?


नाक तो ऊंची उसी की होनी पहले परखे जो हर प्रथा को। ना माने हर उस प्रचलन को सुनी हो किसी कथा में जो॥


नाक तो ऊंची उसी की होनी जो सत्य का जाने मोल। और ये झूठे नियम तोड़ कर बनाये ये सृष्टि अनमोल॥’


ये बातें सुन झेंप गए वो ज़रा सी झुक गयी उनकी नाक। लज्जित हो वो वहाँ से भागे छोड़ी वहीँ फूलों की डाल॥


समाज के कई बुरे नियम हैं पाली जो सबने आँखें मींच के। बिना सोचे समझे जाने क्यूँ अब तक रहे वो उन्हें सींचते॥


पर ये सब ना करूँगा मैं बनाऊंगा एक ऐसा समाज। जहां सब हों एक सामान निष्ठुर हो ना कोई भी रिवाज़॥


प्रथाएं ऐसी जो जोडें मनुष्य को पीढ़ियों में ना बंटे समाज। धर्म से ज्यादा कर्म को समझें ऊंची हो जहां सबकी नाक॥’

1 view0 comments

Recent Posts

See All
Post: Blog2_Post
bottom of page