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बारिश की बूंदे

Surabhi Sonam

Updated: Mar 29, 2021


Rain-Drops-Keep-Falling-Wallpaper

खिड़की से अन्दर आती वो बूंदे बारिश की कहती हैं कहानी सूरज के खिलाफ की साजिश की। मेघों से बिछड़ने का दुःख तो है उनमें, पर संतुष्टि भी है धरती से मिलन की सबमें॥


गगन से धरा तक की इस राह में, भूमि से मिलन की अतृप्त चाह में, बादल के कवच पहन सूरज से छिपते हुए, एक नयी स्फूर्ति पाई थी बूंदों ने गिरते हुए॥


नयी कोई ताल है उनकी इस तड़पन में, एक नया सुर है बूंदों की थिरकन में। मधुर नए बोल हैं उनके गिरने की आवाज़ में तार नए जोड़े हो जैसे पुराने टूटे साज़ में॥


धरती से मिलन की सुगंध में बूँदें सुनाती हैं जीत के गीत, मिट्टी में विलीन होते गुनगुनाती हैं। “तोड़ के बंधन सारे, बचाया सूरज के प्रलय से, तृप्त किया मरू भूमि को अपने सफल प्रणय से॥”

#हिन्दी #कविता #hindi #poem #poetry

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