Surabhi SonamMay 31, 20161 min readसैंतीस केजी सामानफोटो सौजन्य: मृणाल शाह छितराई यादों से अब मैं सैंतिस केजी छाँटूं कैसे? सात साल के जीवन को एक बक्से में बाँधूँ कैसे? बाँध भी लूँ मैं नर्म...
Surabhi SonamJun 14, 20141 min readमेरा कमरासमतल भाव, उजला है चेहरा, रसोई-लगा मेरा वो कमरा। खिड़की के बाहर को झांकता, बारिश की लय पर है बरसता, सूरज की लौ को है तरसता, हवा-थपेड़ों...