Surabhi SonamSep 4, 20161 minपतझड़कल्पना करो, कुछ दिनों में ये बंजर हो जायेंगे। ये हवा के संग लहलहाते पत्ते, अतीत में खो जायेंगे॥ जब बारिश की बूंदों में ये पत्ते विलीन...
Surabhi SonamFeb 2, 20151 minये लहरें किधर हैं जाती?डूब रहा है सूरज और गोधूलि हुई है बेला, बादल के सिरहाने पर किरणों का लगा है मेला । ऐसे में ये चंचल लहरें छोड़ के अपने घर को, बेसुध हो,...